Monday 16 November 2015

राधा नाम की मस्ती



श्री राधे--
एक बार एक भक्त एक संत के चरणो मे पहूंचा ओर उस संत के चरणो मे प्रणाम करके उस भक्त ने कहा की-- बाबा,,,जबसे मेरे जीवन मे राधा नाम की मस्ती आयी है तबसे दूनियावाले मेरा मजाक उडाने लगे है ओर वो सब मुझे देखकर मेरा नाम लेकर नही बुलाते बल्कि मुझे देखकर मेरा मजाक उडाते हुए मुझे राधे राधे कहते रहते है,, वो कहते रहते है की अरे राधे राधे कहां जा रहा है?? अरे राधे राधे खाना खाया या नही?? अरे राधे राधे अब सो जा,--- बाबा ईस प्रकार की बाते दूनियावाले मुझे बोलते है ओर मेरा मजाक उडाते है तो मुझे बहूत बुरा लगता है---
उस भक्त की ये सब बातें सुनकर उन संत के ह्रदय मे आनंद भर आया ओर संत ने कहा की-- बेटा फिर तु रोता क्यो है?? ये तो किशोरी जी की बहूत बडी कृपा है तुमपर की तुम्हारे जीवन मे राधा नाम की मस्ती आई है ओर तुझे दुनिया की मजाक वाली बाते सुनकर दुखी नही होना चाहिये बल्कि तुम्हे तो खुश होना चाहिये की तुम्हारी वजह से दूनियावालो के मुख से भी राधे राधे नाम निकलता है- उनके मुझ से राधा नाम निकल रहा है यानि उनका भी कल्याण हो रहा है-- राधा नाम की बहुत महिमा है--
कलियुग मे नाम की बहूत महिमा है ईसलिए नाम चाहे कैसे भी लो,, नाम हर परिस्थिति मे कल्याण ही करता है---
संत की ये बाते सुनकर उस भक्त की आंखे भर आयी ओर उसने उन संत के चरणो मे प्रणाम किया---
ईस उदाहरण से ये शिक्षा मिलती है की दूनियावाले चाहे कितना भी विरोध करें लेकिन कभी भी हिम्मत नही हारनी चाहिये--
किसी के बहकावे मे नही आना चाहिये ,,जो भी सच्चे रास्ते पर चलेगा वही प्रभु को पायेगा-

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