Monday 16 November 2015

कृष्ण कब प्रकट होते हैं? ॥



कृष्ण कब प्रकट होते हैं? ॥

आनन्द स्वरूप में भगवान श्री कृष्ण हमेशा नन्द और यशोदा के गोकुल में ही प्रकट होते हैं।
यशोदा = हमेशा दूसरों को यश प्रदान करने वाली "बुद्धि"
नन्द = दूसरों की निन्दा न करने वाला "मन"
गोकुल = इन्द्रियों का समूह "शरीर"
कृष्णा = भगवान का आनन्द स्वरूप
जब व्यक्ति की बुद्धि सदैव दूसरों को यश देने वाली हो जाती है तो यह बुद्धि "यशोदा" बन जाती है, और व्यक्ति का मन दूसरों की निन्दा से रहित हो जाता है तो यह मन "नन्द" बन जाता है, तब इन्द्रियों के समूह "गोकुल" रूपी शरीर में आनन्द रूप में भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हो जाते हैं।
तब हम गाने लगते हैं....
नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की।
यशोदा के लाला भयो, जय कन्हैया लाल की।
गोकुल में आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की।
क्या हमारे गोकुल में कृष्ण प्रकट हुये?
यदि नहीं तो हमें आज से ही बुद्धि को यशोदा और मन को नन्द बनाने का प्रयत्न आरम्भ कर देना चाहिये।
"जय जय श्री राधे

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