.जय श्री राधे राधे
एक कहे मेरे घर आये जो गोपाल प्यारो,
तो मैं मनमोहन को माखन खिलाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो सलोना श्याम,
तो लै निज आँगन में नाच ही नचाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो ब्रजराज आज,
तो लै छबीले जू को हृदय से लगाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो ब्रजराज आज,
तो चूम के कपोल वैन माधुरी सुनाउँगी।
राधे राघे
एक कहे मेरे घर आये जो गोपाल प्यारो,
तो मैं मनमोहन को माखन खिलाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो सलोना श्याम,
तो लै निज आँगन में नाच ही नचाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो ब्रजराज आज,
तो लै छबीले जू को हृदय से लगाउँगी।
एक कहे मेरे घर आये जो ब्रजराज आज,
तो चूम के कपोल वैन माधुरी सुनाउँगी।
राधे राघे
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