Tuesday 27 October 2015

राधे राधे

प्रभु श्रीकृष्ण कहते हैं कि राधा नाम मुझे सबसे प्रिय है ज्योंही कोई "रा" शब्द का उच्चारण करता है, मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगता हूँ कि अब वह "धा" का उच्चारण करेगा."राधा" नाम के उच्चारण को सुनने से मेरे कन्हैया पुलकायमान हो जाते हैं।
यशुमति नन्दन पीछे फ़िरिहैं।
जो कोई राधा नाम सुमिरिहैं॥
प्रभु श्रीकृष्ण की आह्‌‍लादिनी शक्ति हैं श्रीराधा, अकारणकरूणावरूणालय हैं श्रीराधा। प्रभु को तो कभी-कभी युक्तियों का भी सहारा लेना पड़ता है [साम-दाम-दंड-भेद] परन्तु श्रीराधा तो अकारण ही दयालु हैं क्योंकि विशुध्द प्रेम ही उनका स्वभाव है। रसिकजन कहते भी हैं "श्याम के रटे से आठ याम में तरत जीव, राधे के रटे से आधे पल में तरत हैं।"
जय जय श्री राधे !

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