: विश्वास और दुआ
नजर नही आते मगर
नामुमकिन को
मुमकिन बना देते है 🌿
भुक्ति माँगें मूढ़ जन मिटै नहिं कामा ।
मुक्ति माँगें महामूढ़ कहें ब्रज बामा ।।
भावार्थ - जो लोग भगवान् से सांसारिक - भोग माँगते हैं, वे मूर्ख हैं, मुक्ति की कामना करने वाले तो और भी अधिक मूर्ख हैं, क्योंकि मुक्त हो जाने पर तो भगवत्प्रेम मिलने की सम्भावना भी नहीं रहेंगी ।
नजर नही आते मगर
नामुमकिन को
मुमकिन बना देते है 🌿
भुक्ति माँगें मूढ़ जन मिटै नहिं कामा ।
मुक्ति माँगें महामूढ़ कहें ब्रज बामा ।।
भावार्थ - जो लोग भगवान् से सांसारिक - भोग माँगते हैं, वे मूर्ख हैं, मुक्ति की कामना करने वाले तो और भी अधिक मूर्ख हैं, क्योंकि मुक्त हो जाने पर तो भगवत्प्रेम मिलने की सम्भावना भी नहीं रहेंगी ।
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